एक ऐतिहासिक सिंघनाद
एक ऐतिहासिक सिंघनाद
एक ऐतिहासिक सिंघनाद
एक ऐतिहासिक सिंघनाद
२३ मार्च १९७६
२०२१ , पेपरबैक पुनर्मुद्रण
लेखक
चरण सिंह
प्रकाशक
चरण सिंह अभिलेखागार
बाइंडिंग
पेपरबैक
प्रकाशन भाषा
हिन्दी
₹ 299
40% off !
- ₹ 119.6
₹ 179.4

In Stockस्टॉक में

तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने २५ जून १९७५ को गैर-संविधानिक इमरजेंसी (आपातकाल) की घोषणा कर हिंदुस्तान के मुख्य राजनयिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में बंदी बना लिया। स्वतंत्र हिंदुस्तान में लोकतंत्र के लिए यह सबसे संकटपूर्ण तथा दुखद घटना रही है। बरहाल, ८ महीने की जेल कैद के पश्चात् ७ मार्च १९७६ को चौधरी चरण सिंह तिहाड़ जेल (दिल्ली) से रिहा हुए। २३ मार्च १९७६ को वह उत्तर प्रदेश विधान सभा में आपातकाल व्यवस्था और सरकारी अत्याचारों के खिलाफ चार घंटे खड़े होकर गरजे, परन्तु सेन्सर व्यवस्था के कारण एक भी शब्द प्रकाशित नहीं हो सका। इस समय चौधरी साहब ७४ वर्ष के थे, लेकिन बब्बर शेर से कम नहीं थे।

कृपया ध्यान दें कि हम

- ऑर्डर प्राप्त होने के 1 सप्ताह के भीतर डिलीवरी की जाएगी।
- भारत के बाहर शिपिंग नहीं करते।
- ना ही हम पुस्तकें वापस लेंगे और ना ही पुस्तकों का आदान-प्रदान करेंगे।

आपको यह भी पसंद आ सकता हैं

१९८६, चरण सिंह अभिलेखागार
पेपरबैक
₹ 899
40% off !
- ₹ 359.6
₹ 539.4
१९६५, चरण सिंह अभिलेखागार
पेपरबैक
₹ 1,799
40% off !
- ₹ 719.6
₹ 1,079.4
१० फरवरी १९६२, चरण सिंह अभिलेखागार
पेपरबैक
₹ 299
40% off !
- ₹ 119.6
₹ 179.4
१९८२, चरण सिंह अभिलेखागार
पेपरबैक
₹ 199
40% off !
- ₹ 79.6
₹ 119.4